रायगढ़। चक्रधर नगर क्षेत्र के कसेरपारा मोहल्ले में सोमवार दोपहर एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब एक बंद मकान से बुजुर्ग दंपत्ति की लाशें बरामद हुईं। मृतकों की पहचान सेवानिवृत्त शिक्षक गोपाललाल नगायच (लगभग 78 वर्ष) और उनकी पत्नी सरस्वती नगायच (लगभग 77 वर्ष) के रूप में हुई है।

पड़ोसियों के अनुसार, दो दिनों से मोहल्ले में दुर्गंध महसूस की जा रही थी, जिसे नाली में कचरा जमा होने का कारण मानकर अनदेखा कर दिया गया था। लेकिन सोमवार को स्थिति तब गंभीर हो गई जब कोलकाता में रहने वाले उनके बेटे उमाकांत नगायच ने संपर्क कर बताया कि वह बीते दो दिनों से माता-पिता से बात नहीं कर पा रहा है।
परिजनों की चिंता के बाद पड़ोसियों ने तत्परता दिखाते हुए पुलिस को सूचना दी। जब स्थानीय लोगों ने दरवाजा तोड़ा, तो भीतर का दृश्य स्तब्ध कर देने वाला था। गोपाललाल नगायच का शव फर्श पर, जबकि उनकी पत्नी का शव बिस्तर पर मिला। दोनों शवों से तेज दुर्गंध आ रही थी, जिससे अंदेशा है कि उनकी मौत दो से तीन दिन पहले हो चुकी थी।
रायगढ़ पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल भी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि, “बुजुर्ग दंपत्ति की मौत के मामले में मर्ग कायम कर जांच शुरू कर दी गई है। प्रारंभिक जांच में मर्डर या किसी आपराधिक घटना के संकेत नहीं मिले हैं। दोनों उम्रदराज थे और बीमारियों से ग्रस्त थे, ऐसे में यह स्वाभाविक मौत प्रतीत हो रही है।”
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों बुजुर्ग अकेले ही घर में रहते थे, जिससे किसी को समय पर जानकारी नहीं मिल पाई। फिलहाल शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और रिपोर्ट आने के बाद मौत के असल कारणों की पुष्टि हो सकेगी।
फोरेंसिक टीम ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया है और पुलिस सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए जांच जारी रखे हुए है। मृतकों के बेटे-बेटियां रायगढ़ के लिए रवाना हो चुके हैं।
यह दुखद घटना न केवल मोहल्ले को स्तब्ध कर गई, बल्कि अकेले रह रहे बुजुर्गों की सुरक्षा, संवादहीनता और स्वास्थ्य देखभाल को लेकर गंभीर सवाल खड़े करती है।
