
रायगढ़। रायगढ़ जिले से ताल्लुक रखने वाले स्वराज बापोड़िया ने चार्टर्ड अकाउंटेंसी (CA) फाइनल परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 6 (AIR 6) हासिल कर पूरे छत्तीसगढ़ राज्य और रायगढ़ जिले का मान बढ़ाया है। साथ ही वे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थी बने हैं।
स्वराज, शिव बापोड़िया और रीना बापोड़िया के सुपुत्र तथा सुभाष बापोड़िया के भतीजे हैं। उनकी यह सफलता व्यक्तिगत नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की प्रेरणा बन गई है।

प्रेरणादायक है स्वराज की शैक्षणिक यात्रा
स्वराज की शिक्षा और अब तक की उपलब्धियाँ किसी भी छात्र के लिए एक आदर्श मिसाल हैं:
• CA फाइनल में ऑल इंडिया रैंक 6.
• CA इंटरमीडिएट में ऑल इंडिया रैंक 28.
• भारत की शीर्ष चार फर्मों में से एक Ernst & Young (EY) से आर्टिकलशिप पूरी की.
• St. Xavier’s College, कोलकाता से B.Com (Honours) में द्वितीय स्थान.
• कक्षा 12वीं में 98.2% अंकों के साथ रायगढ़ टॉपर.
• कक्षा 10वीं में 97.8% अंकों के साथ ईस्टर्न रीजन टॉपर.
पढ़ाई के साथ-साथ विविध प्रतिभाओं के धनी
स्वराज सिर्फ पढ़ाई में ही नहीं, बल्कि अन्य गतिविधियों में भी समान रूप से निपुण रहे हैं। वे स्टेट लेवल शतरंज खिलाड़ी रहे हैं और वाद-विवाद, खेलकूद, नृत्य, संगीत जैसे विविध क्षेत्रों में भी सक्रिय रहे हैं। स्कूल और कॉलेज दोनों स्तरों पर उन्होंने सांस्कृतिक और बौद्धिक आयोजनों में अग्रणी भूमिका निभाई।
परिवार की परंपरा को बढ़ाया आगे
स्वराज के बड़े भाई श्रेयश बापोड़िया भी परिवार की इस मेधावी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने IIT खड़गपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और वर्तमान में गूगल, बेंगलुरु में कार्यरत हैं। दोनों भाईयों की सफलता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है।
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने दी बधाई
छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त मंत्री एवं रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी ने स्वराज को सोशल मीडिया के माध्यम से शुभकामनाएं देते हुए लिखा:
“रायगढ़ के होनहार स्वराज बापोड़िया ने CA परीक्षा में ऑल इंडिया छठवीं रैंक हासिल कर पूरे छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। इस शानदार उपलब्धि के साथ स्वराज ने छत्तीसगढ़ में प्रथम स्थान प्राप्त कर राज्य को गौरवान्वित किया है। उनकी इस उपलब्धि पर मेरी ओर से हार्दिक बधाई और उनके उज्ज्वल व सफल भविष्य के लिए ढेरों शुभकामनायें।”

स्वराज की इस शानदार उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे रायगढ़, लैलूंगा और छत्तीसगढ़ को गर्व से भर दिया है। उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है कि अगर लक्ष्य स्पष्ट हो, मेहनत निरंतर हो और परिवार का साथ हो, तो कोई भी सफलता दूर नहीं।
