Saturday, May 31, 2025
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रायगढ़ एमसीएच अस्पताल की बड़ी उपलब्धि: सालभर से असहनीय दर्द झेल रही महिला की सफल हिस्टेरेक्टॉमी सर्जरी कर दी राहत, गायनेकोलॉजी टीम ने रचा नया कीर्तिमान…

रायगढ़। एक महिला मरीज पिछले एक साल से गर्भाशय में हो रहे दर्द के इलाज के बाद भी परेशानियों से जुझ रही थी। जिसका रायगढ़ के 100 बिस्तर मातृ एवं शिशु अस्पताल के कुशल गायनेकोलॉजी टीम ने हिस्टेरेक्टॉमी का पहली बार में ही सफल ऑपरेशन कर महिला को दर्द से राहत दिलाने के साथ ही एक नया कीर्तिमान हासिल किया। सीएमएचओ डॉ.अनिल कुमार जगत ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि इस सफल ऑपरेशन के लिए अस्पताल की टीम ने कड़ी मेहनत की और मरीज को नया जीवन देने में सफल रही।
             
किरोड़ीमल शासकीय जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर दिनेश पटेल ने बताया कि ग्राम हरदी जिला रायगढ़ की रजनी महिलाने पति कमल प्रसाद उम्र 40 वर्ष जो पिछले 1 साल से अपने गर्भाशय में दर्द का इलाज करवाने के बाद भी उसे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। अत्यधिक दर्द और पीड़ा से वो परेशान हो कर गत 24 मई 2025 को 100 बिस्तर मातृ एवं शिशु अस्पताल में रायगढ़ आई। जिसके जांच के उपरांत उन्हें ऑपरेशन की सलाह दी गई। जिसके बाद अस्पताल अधीक्षक डॉ.अभिषेक अग्रवाल, डॉ.दिशा ठाकुर और डॉ.उपमा पटेल, डॉ.मिंज और सिस्टर लता मेहर एवं ओटी स्टाफ  के कुशल गायनेकोलॉजी की पूरी टीम ने सफल ऑपरेशन किया और आज मरीज की स्थिति में सुधार हो रहा है।
        
100 बिस्तर मातृत्व एवं शिशु अस्पताल के सुप्रीटेंडेट डॉ.अभिषेक अग्रवाल यह बताते हैं कि हिस्टेरेक्टॉमी गर्भाशय को शल्य चिकित्सा द्वारा हटाने की प्रक्रिया है जिसे गर्भाशय हटाने की सर्जरी भी कहा जाता है। कभी-कभी स्थिति के आधार पर, सर्जरी के दौरान अन्य महिला प्रजनन अंग जैसे अंडाशय, सिस्ट फैलोपियन ट्यूब, आसपास के ऊतक भी हटा दिए जाते हैं। हिस्टेरेक्टॉमी के लाभों में मुख्य रूप से किसी अंतर्निहित कारण से होने वाले पुराने और कष्टदायी पैल्विक दर्द भारी और अनियमित रक्तस्राव से राहत शामिल है।

क्यों किया जाता है हिस्टेरेक्टॉमी

अत्यधिक रक्तस्राव:  अगर दवाओं से नियंत्रण नहीं होता और महिला को लगातार भारी पीरियड्स होते हैं। फाइब्रॉइड (गांठें) ये गर्भाशय में पाई जाने वाली गैर कैंसरजन्य गांठें होती हैं, जो दर्द और रक्तस्राव बढ़ा सकती हैं। एंडोमेट्रियोसिस-जब गर्भाशय की परत (एंडोमेट्रियम) उसके बाहर बढऩे लगती है और तेज दर्द या अन्य समस्याएं पैदा करती है। गर्भाशय का गिरना-जब गर्भाशय कमजोर मांसपेशियों के कारण नीचे खिसक जाता है, जिससे दर्द और असुविधा होती है। गर्भाशय या सर्विक्स का कैंसर-कैंसर के मामलों में हिस्टेरेक्टॉमी जरूरी हो सकती है ताकि बीमारी आगे न बढ़े। क्रॉनिक पेल्विक पेन-अगर लंबे समय तक पेल्विक (श्रोणि) में दर्द बना रहता है और कोई अन्य इलाज कारगर नहीं होता।

हिस्टेरेक्टॉमी के चार माह बाद दिखेंगे ये लक्षण

हिस्टेरेक्टॉमी के चार महीने बाद शरीर धीरे-धीरे पूरी तरह ठीक होने लगता है। इस समय महिलाएं कुछ बदलाव महसूस कर सकते हैं, जैसे ज्यादातर महिलाओं का दर्द काफी हद तक कम हो जाता है। हल्की फुलकी थकान रह सकती है, लेकिन एनर्जी पहले से बेहतर होगी। सर्जरी के निशान हल्के पडऩे लगते हैं और सूजन भी कम हो जाती है। पेट की मांसपेशियां अभी भी कमजोर हो सकती हैं, इसलिए भारी काम करने से बचना चाहिए। अगर अंडाशय हटाए गए हैं, तो मेनोपॉज के लक्षण हो सकते हैं। हल्का मूड स्विंग, गर्मी महसूस होना और नींद में परेशानी आ सकती है। धीरे-धीरे महिलाएं अपने रोजमर्रा के काम पहले की तरह कर सकेंगी। हल्के व्यायाम से शरीर को मजबूती मिलेगी, लेकिन ज्यादा जोर न डालें। कुछ महिलाओं को भावनात्मक उतार-चढ़ाव महसूस हो सकते हैं। अगर तनाव या चिंता हो, तो डॉक्टर या परिवार से जरूर बात करें।

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