Tuesday, June 17, 2025
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राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) बना जीवनरक्षक: नन्हे मयंक को मिली नई जिंदगी…

रायगढ़। शासन की चिरायु योजना से ह्दय रोग से पीडि़त मासूम मयंक को नया जीवन मिला है। डॉक्टर एवं चिरायु टीम के अथक प्रयास से मयंक आज पूरी से स्वस्थ है। जिससे उनके परिवार में खुशियां लौट आयी है।
             
उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले के विकासखण्ड पुसौर अंतर्गत ग्राम कोतासुरा के रहने वाले दो वर्षीय मयंक सतनामी जन्मजात हृदय रोग से पीडि़त था। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (चिरायु) की टीम द्वारा नियमित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रही थी। इसी दौरान चिरायु टीम ने मयंक सतनामी की जांच की, जिसमें पता चला कि उसे जन्मजात हृदय में छेद है। इसी दौरान सत्य सांई अस्पताल रायपुर के ह्दय रोग विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा 9 नवम्बर 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र घरघोड़ा में धड़कन शिविर का आयोजन किया गया था। जिसमें मयंक की जांच पश्चात विशेषज्ञ चिकित्सक ने सत्य सांई अस्पताल में इलाज के लिए बुलाया।

30 जनवरी 2025 को उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और 10 फरवरी 2025 को सफल ऑपरेशन किया गया। पूर्ण स्वास्थ्य जांच उपरांत मयंक अब पूरी तरह से स्वस्थ है। जिसके पश्चात 17 फरवरी 2025 को उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। 19 फरवरी को चिरायु वाहन से उसे उसके घर तक सुरक्षित पहुँचाया गया। साथ ही 20 फरवरी को चिरायु टीम ने पुन: घर जाकर बच्चे की स्थिति की जांच की और जिसमें मयंक पूरी से स्वस्थ पाया गया।

मयंक के पिता पदमन सतनामी एवं उनके परिवार ने चिरायु टीम, सत्य साई अस्पताल के डॉक्टरों एवं शासन को धन्यवाद ज्ञापित किया। इस कार्य में पुसौर विकासखंड के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.विनोद नायक, विकासखण्ड कार्यक्रम प्रबंधक नवीन शर्मा, चिरायु टीम के डॉ.श्री संदीप भोई एवं डॉ.मंजू पटेल व टीम का विशेष सहयोग रहा।

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