रायगढ़। रायगढ़ नगर निगम में सभापति पद को लेकर भाजपा के भीतर घमासान मचा हुआ है। दावेदारी की रेस में करीब दर्जनभर नाम सामने आ चुके हैं, जिनमें पार्टी के कई वरिष्ठ और युवा नेता शामिल हैं। इन नामों को लेकर कल शाम रायगढ़ में भाजपा सभापति चयन के पर्यवेक्षक ललित चंद्राकर की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में सभी पार्षदों के साथ-साथ वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने भी हिस्सा लिया।
“एकला चलो रे” नहीं, संगठन की चलेगी लाठी:
पार्टी नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया है कि इस बार चुनाव में व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा से ज्यादा संगठन की मजबूती प्राथमिकता होगी। बैठक में पार्षदों से वन-टू-वन चर्चा की गई, ताकि हर प्रत्याशी की राय और मंशा को समझा जा सके। इसके बाद तीन संभावित नामों को प्रदेश कार्यकारिणी के पास भेजने का निर्णय लिया गया।
सभापति बनने की दौड़ में ये हैं प्रमुख नाम:
सभापति पद की दावेदारी करने वालों में कई अनुभवी और प्रभावशाली नेता शामिल हैं। प्रमुख नाम इस प्रकार हैं:
✅ सुरेश गोयल
✅ आशीष ताम्रकार
✅ पूनम सोलंकी
✅ डिग्री लाल साहू
✅ पंकज कंकरवाल
✅ अशोक यादव
✅ मुक्तिनाथ बबुआ
✅ शोभा देवांगन
✅ त्रिवेणी डहरे
✅ हरि सराफ
✅ नारायण पटेल
✅ महेश शुक्ला
हर प्रत्याशी के पास अपनी अलग पहचान और योग्यता है, लेकिन आखिर में पार्टी की रणनीति और अनुभव ही तय करेगा कि बाजी किसके हाथ लगेगी।
भाजपा के पास है स्पष्ट बहुमत, फिर भी क्यों हो रही माथापच्ची?
नगर निगम चुनाव में भाजपा ने 48 में से 33 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। यह स्थिति पार्टी के लिए मजबूत मानी जा रही है, लेकिन सभापति पद के लिए इतने ज्यादा दावेदार सामने आने से नेतृत्व को संतुलन साधना पड़ रहा है। “ऊँट किस करवट बैठेगा, यह तो आलाकमान ही तय करेगा!”
पार्टी का संदेश: ‘संगठन सर्वोपरि’:
बैठक के दौरान यह संदेश भी दिया गया कि चुनाव किसी व्यक्ति विशेष की महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि भाजपा संगठन की मजबूती और नगर निगम में बेहतर प्रशासन देने के लिए है।
“एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकती” – अब देखना दिलचस्प होगा कि रायगढ़ भाजपा के नेतृत्व की तलवार किसके हाथ में जाती है!
अब अंतिम फैसला आलाकमान करेगा कि रायगढ़ का अगला सभापति कौन होगा।
