रायगढ़, छत्तीसगढ़ के सत्तीगुड़ी चौक पर स्थित श्री भरतकूप मंदिर नगर के धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में से एक है। इस मंदिर का निर्माण विक्रम संवत 2021 में नगर सेठ किरोड़ीमल ने करवाया। श्वेत संगमरमर से निर्मित यह मंदिर अपनी अद्वितीय वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर का आंतरिक स्वरूप
मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव का शिवलिंग स्थापित है, जिनके साथ माता पार्वती, गणेश जी, कार्तिकेय और नंदी विराजमान हैं। इसके अतिरिक्त, पूजन कक्ष में भगवान हनुमान, दशरथ पुत्र भरत और माता दुर्गा की प्रतिमाएं भी हैं, जो मंदिर की गरिमा बढ़ाती हैं। मंदिर के चारों ओर दीवारों पर सुंदर चौपाइयों से अलंकृत शिलालेख हैं। चार ऊंची मीनारें इस मंदिर की संरचना को और भव्य बनाती हैं।


भरतकूप का पौराणिक महत्व
मंदिर के परिसर में स्थित भरतकूप जल स्रोत विशेष रूप से पूजनीय है। कहा जाता है कि इसमें 27 पवित्र कुंओं का जल समाहित है। इसका उपयोग विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों में किया जाता है।
त्योहार और आयोजन
हर वर्ष शिवरात्रि पर यहां विशेष पूजा और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। इस दिन नगर और आसपास के हजारों श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। हनुमान जयंती और दोनों नवरात्रि के दौरान भी मंदिर में विशेष अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं।
इतिहास और देखभाल
मंदिर की देखरेख वर्तमान में पं. कमल किशोर शर्मा द्वारा की जाती है। इससे पहले लगभग 40 वर्षों तक पं. बैजनाथ शर्मा ने यहां पूजा-अर्चना का कार्यभार संभाला था।
श्री भरतकूप मंदिर रायगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। यह मंदिर न केवल आध्यात्मिकता का केंद्र है, बल्कि कला और वास्तुकला का भी अद्भुत नमूना प्रस्तुत करता है।