• सूत्रों के अनुसार बीजेपी से अब तक 13 दावेदार..
• कांग्रेस से कुल 3 या 4 दावेदार..
रायगढ़। नगर निगम चुनाव में वार्ड नंबर 19 ने ‘हॉट सीट’ का तमगा हासिल कर लिया है। जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवारों की लंबी कतार है, वहीं कांग्रेस से गिने-चुने चेहरे टिकट की दौड़ में नजर आ रहे हैं। इस वार्ड में बढ़ती चुनावी गहमागहमी ने सभी की निगाहें इस पर टिका दी हैं।
बीजेपी में दावेदारों की भरमार:
वार्ड नंबर 19 में भाजपा के दावेदारों की लिस्ट इतनी लंबी हो गई है कि पार्टी को टिकट फाइनल करना बड़ी चुनौती लग रही है।
अब तक सामने आए कुछ प्रमुख नाम:
• सुरेश गोयल (पूर्व सभापति): संगठनात्मक कौशल और व्यापक अनुभव के आधार पर भारतीय जनता पार्टी का एक सशक्त और प्रभावशाली चेहरा।
• दीपक डोरा: यह न केवल वार्ड के मुद्दों को जमीनी स्तर पर समझने वाले एक प्रतिबद्ध नेता हैं, बल्कि नेत्रदान जैसे नेक कार्यों को भी प्रोत्साहित करते हैं। गौरतलब है कि इस वार्ड में भारतीय जनता पार्टी को पहली जीत 1994 में इनके अग्रज खेमराज अग्रवाल जी ने दिलाई थी।
• मनीष पालीवाल: भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता, जो कई सालों से पार्टी से जुड़े हुए हैं और निष्ठा के साथ पार्टी के कार्यों में योगदान देते हैं। वे सामाजिक कार्यों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमेशा जनता से जुड़े रहते हैं, उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्पर रहते हैं।
• अनूप रतेरिया: वार्ड के प्रमुख और जाने-माने चेहरे, जो भाजपा की नई सोच का समर्थन करते हैं। इन्हें चुनाव लड़ने का अनुभव भी है, जो उन्हें एक प्रभावशाली उम्मीदवार बनाता है।
• टिंकू महाराज (आदित्य शर्मा): वार्ड में एक लोकप्रिय व्यक्तित्व, जिनकी युवाओं के बीच विशेष पकड़ और प्रभाव है।
• विमल अग्रवाल: एक प्रभावशाली व्यक्तित्व, जिन्हें “रक्तवीर” के नाम से भी जाना जाता है।
• शक्ति अग्रवाल: एक प्रतिभावान युवा नेता। सामाजिक और व्यावसायिक क्षेत्रों में उनकी अच्छी पकड़ है। उनके पिता, प्रमोद अग्रवाल, एक सम्मानित समाजसेवी हैं, जिनके मार्गदर्शन और प्रतिष्ठा का इन्हें लाभ मिल सकता है।
• राहुल महमिया: भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता, जिन्हें उनके पिता बजरंग अग्रवाल जी की कार्यकुशलता और प्रभाव का लाभ मिल सकता है।
• प्रतीक अग्रवाल: एक उत्साही युवा नेता, जो सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। जनसेवा के प्रति समर्पण उन्हें वार्ड में एक प्रभावशाली चेहरा बनाता है।
• बृजमोहन अग्रवाल: इनका राजनीतिक अनुभव और संघर्ष इन्हें क्षेत्र में एक प्रमुख चेहरा बनाता है।
हेमंत गोयल, अमित जिंदल एवं रजत गुप्ता भी दावेदारी में शामिल हैं, जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता, क्योंकि सभी का अपना-अपना प्रभाव है।
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कांग्रेस के पास गिने-चुने नाम:
दूसरी ओर, कांग्रेस के पास इस वार्ड से टिकट के लिए केवल दो या तीन प्रमुख दावेदार हैं। जिसमें आशीष शर्मा, अनिल गर्ग और तरुण गोयल शामिल है।
• आशीष शर्मा: पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता, जो स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता से जुड़े रहते हैं।
• अनिल गर्ग: कांग्रेस के एक अनुभवी नेता, जो सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं और वार्ड में भी जाने माने चेहरे है।
• तरुण गोयल: कांग्रेस के युवा और सक्रिय नेता, जो जनसंपर्क और स्थानीय मुद्दों की समझ के लिए जाने जाते हैं। उनके नए विचार और जुड़ाव उन्हें प्रभावशाली दावेदार बनाते हैं।
चुनावी समीकरण और चुनौती:
बीजेपी के कई दावेदार होने के कारण पार्टी के लिए टिकट का चयन मुश्किल हो सकता है। वहीं कांग्रेस के पास उम्मीदवारों की कमी के चलते मजबूत विकल्प खड़ा करने की चुनौती है। जानकारों का कहना है कि भाजपा में टिकट को लेकर भीतरघात के आसार हैं, जिससे कांग्रेस को फायदा मिल सकता है।
क्या कहते हैं जानकार?:
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वार्ड नंबर 19 का चुनाव परिणाम पूरे नगर निगम चुनाव की दिशा तय कर सकता है। जहां भाजपा के दावेदारों में अंदरूनी खींचतान हो सकती है, वहीं कांग्रेस अगर सही रणनीति अपनाए तो यह वार्ड उसके लिए जीत की राह आसान कर सकता है।
क्या भाजपा की दावेदारों की भीड़ पार्टी को नुकसान पहुंचाएगी? क्या कांग्रेस इस मौके को भुनाने में कामयाब होगी?

