अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में इस बार की रामनवमी एक ऐतिहासिक और आस्था से परिपूर्ण क्षण की साक्षी बनी। रविवार को दोपहर ठीक 12 बजे भगवान रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणें पड़ीं, जिससे एक दिव्य ‘सूर्य तिलक’ बना। यह दृश्य श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत भावुक और अलौकिक अनुभव लेकर आया।
देखिए रामलला के सूर्य तिलक का Video:


राम नवमी के इस शुभ अवसर पर भगवान श्रीराम का पहले विशेष रूप से अभिषेक किया गया, जिसके बाद यह दिव्य सूर्य तिलक सम्पन्न हुआ। हर वर्ष रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें ठीक भगवान रामलला के माथे पर पड़ें इसके लिए विशेष वास्तु और तकनीकी योजना बनाई गई है।
इस प्रयोग से पहले शनिवार (5 अप्रैल 2025) को सूर्य तिलक का सफल ट्रायल किया गया था। यह ट्रायल दोपहर ठीक 12:00 बजे शुरू हुआ और लगभग 90 सेकंड तक चला। इस दौरान आईआईटी रुड़की और आईआईटी चेन्नई के विशेषज्ञ भी मौजूद रहे। ट्रायल की सफलता के बाद इसे रामनवमी पर वास्तविक रूप में क्रियान्वित किया गया।
यह आयोजन सनातन परंपरा और आधुनिक विज्ञान के अद्भुत संगम का उदाहरण बना। सूर्य तिलक की इस योजना ने जहां श्रद्धालुओं की आस्था को और मजबूत किया, वहीं तकनीकी दृष्टिकोण से भी यह एक उपलब्धि रही।
