Saturday, April 19, 2025
HomeNationalघाटा बालाजी मंदिर : आस्था, चमत्कार और श्रद्धा का अद्भुत संगम..

घाटा बालाजी मंदिर : आस्था, चमत्कार और श्रद्धा का अद्भुत संगम..

📝 संकलन: कमल मित्तल, रायगढ़ (छत्तीसगढ़)  

1. नास्तिक भी आस्तिक बन जाते हैं इस धाम में आकर  

2. लाखों श्रद्धालु करते हैं बालाजी के दरबार में मत्था टेक  

3. मेहंदीपुर में बाल रूप में विराजित हैं बजरंग बली  

4. देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु हर वर्ष आते हैं इस चमत्कारी मंदिर में

भारतवर्ष में हनुमान जी के हजारों मंदिर हैं — चाहे देश के किसी कोने में चले जाएँ, बजरंगबली का मंदिर अवश्य मिलेगा। उन्हें पवनपुत्र, मारुति नंदन, केसरी नंदन जैसे कई नामों से जाना जाता है। मान्यता है कि वे अजर-अमर हैं और कलियुग में सबसे सुलभ और जाग्रत देवता माने जाते हैं। हनुमान चालीसा का पाठ, उनके मंत्रों का जाप, और उनकी भक्ति से भय, संकट और क्लेश दूर होते हैं।

राजस्थान राज्य में हनुमान जी के दो विश्वप्रसिद्ध मंदिर हैं — सालासर बालाजी और घाटा बालाजी, जिसे मेहंदीपुर बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। सालासर मंदिर चूरू जिले में स्थित है, जबकि घाटा बालाजी मंदिर दौसा जिले में स्थित है। पूरे वर्ष भर लाखों श्रद्धालु यहाँ सपरिवार दर्शन के लिए आते हैं। विशेष रूप से चैत्र और आश्विन पूर्णिमा पर यहाँ भव्य मेलों का आयोजन होता है।

घाटा बालाजी मंदिर का महत्व और चमत्कार

घाटा बालाजी मंदिर को बजरंगबली का जन्मस्थल भी माना जाता है। दो पहाड़ियों के बीच स्थित होने के कारण इस स्थान को “घाटा” कहा जाता है। मान्यता है कि माता अंजनी ने यहीं बाल रूप में हनुमान जी को जन्म दिया था, और उन्होंने बाल लीलाओं से इस धरती को धन्य किया।

यहाँ तीन प्रमुख देवता पूजित होते हैं: बालाजी महाराज, प्रेतराज सरकार, और श्री भैरव जी। कहा जाता है कि ये तीनों देव लगभग 10,000 वर्ष पूर्व प्रकट हुए थे। इस स्थान की विशेषता यह है कि यहाँ की मूर्ति किसी मूर्तिकार द्वारा निर्मित नहीं, बल्कि स्वयंभू मानी जाती है।

लगभग 1000 वर्ष पूर्व एक स्थानीय गोसाई जी को स्वप्न में इस मूर्ति के प्रकट होने की सूचना मिली थी। जब वे पर्वत पर पहुँचे, तो वहाँ बालाजी, भैरव जी और प्रेतराज सरकार की मूर्तियाँ प्रकट हुईं। मूर्ति की एक अन्य विशेषता यह है कि इसकी बाईं छाती के नीचे से एक जलधारा निरंतर बहती रहती है, जिसका उपयोग आरती के उपरांत सभी श्रद्धालुओं को शुद्ध करने के लिए किया जाता है।

अद्भुत चमत्कार और श्रद्धा की शक्ति

यह धाम विशेष रूप से भूत-प्रेत बाधा, तंत्र-मंत्र, मानसिक रोग, मिर्गी, पागलपन, लकवा जैसे असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों के लिए प्रसिद्ध है। श्रद्धा, सेवा और भक्ति के बल पर यहाँ ऐसे मरीज चमत्कारिक रूप से स्वस्थ हो जाते हैं।

यहाँ किसी व्यक्ति विशेष का नहीं, बल्कि केवल देवताओं का चमत्कार माना जाता है। न कोई पंडे जबरदस्ती दान मांगते हैं, न ही श्रद्धालुओं को किसी तरह की ठगी का डर होता है। यदि कोई दुकानदार या तीर्थ यात्री अनुचित आचरण करता है, तो उसे सख्त चेतावनी दी जाती है और ज़रूरत पड़ने पर धाम से बाहर कर दिया जाता है।

प्रार्थना में है असाध्य समस्याओं का समाधान

जो भी श्रद्धालु यहाँ आता है, उसे तन-मन से श्री बालाजी के चरणों में समर्पित होकर रहना पड़ता है, तभी उसे कष्टों से मुक्ति मिलती है। प्रार्थना में महान शक्ति है — सच्चे मन से की गई अरदास संकटों का निवारण करती है।

आज के वैज्ञानिक युग में जहाँ लोग भूत-प्रेत और चमत्कारों पर विश्वास नहीं करते, वहाँ घाटा बालाजी धाम एक ऐसा स्थान है जहाँ हर विज्ञान, हर तर्क झुक जाता है। यहाँ का प्रत्येक अनुभव बताता है कि श्रद्धा, सेवा और भक्ति से असंभव भी संभव हो सकता है।

रायगढ़ से भी जुड़ा है आस्था का गहरा संबंध

रायगढ़ शहर में घाटा बालाजी के सैकड़ों भक्त हैं, जो किसी भी मांगलिक कार्य से पहले अपने इष्टदेव के दरबार में हाज़िरी लगाना नहीं भूलते। कई श्रद्धालु नियमित रूप से अपने परिवार सहित मेहंदीपुर जाकर बालाजी महाराज के दर्शन और पूजा-अर्चना करते हैं।

“धर्मेण हन्यते व्याधिः” — अर्थात धर्म के प्रभाव से सभी व्याधियाँ और विपत्तियाँ नष्ट होती हैं। यही घाटा बालाजी धाम की लीला का वास्तविक रहस्य है।

जय श्रीराम, जय घाटा बालाजी, जय प्रेतराज सरकार, जय भैरव बाबा।

spot_img
spot_img
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Most Popular