Wednesday, July 23, 2025
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ईडी की कार्रवाई पर गरमाई सियासत: कांग्रेस ने की आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा, सीएम साय का तंज – ‘अभी तो जांच शुरू हुई है, न जाने आगे और कितनों का नंबर लगेगा…

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। ईडी द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस ने 22 जुलाई को प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी का ऐलान किया है। इस पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने तीखा तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस तो जनता के लिए पहले भी परेशानियां खड़ी करती रही है, अब फिर वही कर रही है।

मुख्यमंत्री साय ने मीडिया से चर्चा में कहा, “ईडी एक केंद्रीय एजेंसी है, देश की प्रतिष्ठित संस्था है। वह सोच-समझकर ही कार्रवाई करती है। कांग्रेस शासन में हुए घोटालों की जांच चल रही है। जिन्होंने घोटाले किए हैं, वे जेल जाएंगे, और न जाने आगे कितनों का नंबर लगेगा। कांग्रेस को विरोध करना है तो वह स्वतंत्र है, लेकिन जनता सब देख रही है।”

मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस की पांच साल की सरकार में जनता को केवल धोखा मिला। जनता ने अब उसे नकार दिया है, लेकिन कांग्रेस अपनी पुरानी आदतों से बाज नहीं आ रही।

भूपेश बघेल का बयान

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस की बैठक के बाद प्रेस से कहा कि ईडी की कार्रवाई पूरी तरह राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने आरोप लगाया कि “यह सब बीजेपी की सोची-समझी साजिश है। मेरा बेटा चैतन्य राजनीति में सक्रिय नहीं है, फिर भी उसे निशाना बनाया जा रहा है। यह कार्रवाई अवैधानिक है और कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करेगी।”

भूपेश बघेल ने प्रदेश कांग्रेस की ओर से 22 जुलाई को प्रदेशव्यापी आर्थिक नाकेबंदी की घोषणा करते हुए कहा कि यह केवल चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की आवाज को दबाने की कोशिश है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया।

गिरफ्तारी ने भड़काया राजनीतिक माहौल

गौरतलब है कि शुक्रवार को ईडी ने छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच के तहत चैतन्य बघेल को उनके जन्मदिन के दिन ही गिरफ्तार किया। इसके बाद से कांग्रेस नेताओं में जबरदस्त आक्रोश है। पार्टी ने इसे व्यक्तिगत हमला बताया और तत्काल रणनीतिक बैठक कर आर्थिक नाकेबंदी का निर्णय लिया।

आगे क्या?

अब 22 जुलाई को कांग्रेस की ओर से प्रदेशभर में आर्थिक नाकेबंदी की जाएगी। पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे, बाज़ार और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद करने का आह्वान किया गया है। वहीं, सरकार इसे केवल “राजनीतिक नौटंकी” बता रही है।

छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई और उसके बाद उठे सियासी तूफान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राज्य की राजनीति आने वाले दिनों में और गर्माने वाली है।

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