रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उद्योगपतियों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि राज्य सरकार निवेशकों को अनुकूल माहौल और हर संभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने नवा रायपुर में आयोजित इंडस्ट्री डायलॉग कार्यक्रम में कहा, “आप छत्तीसगढ़ आइए, निवेश करिए और विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य को प्राप्त करने में सहभागी बनें।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि नई औद्योगिक नीति के लागू होने से अब तक 1.23 लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। सरकार न्यूनतम प्रशासन और अधिकतम प्रोत्साहन की नीति पर काम कर रही है, जिससे निवेशकों को सहूलियत मिल रही है।
औद्योगिक विकास और निवेश बढ़ाने के प्रयास:
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छत्तीसगढ़ विजन 2047 के तहत राज्य को औद्योगिक हब बनाने की पहल की जा रही है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत लक्ष्य के अनुरूप है। सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत अनुमति, अनुमोदन और नवीनीकरण की प्रक्रिया को सरल बना दिया है, जिससे निवेशकों की रुचि बढ़ रही है।
प्रदेश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नए औद्योगिक पार्कों की स्थापना की जा रही है। सरकार ने अब तक सात नए लघु औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की है, जबकि चार बड़े औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना प्रक्रियाधीन है। बस्तर के नगरनार स्टील प्लांट की स्थापना से सहायक इकाइयों के लिए बड़ी संभावनाएं बनी हैं, जिन्हें नगरनार के पास नियानार में 118 एकड़ भूमि में नए औद्योगिक पार्क में स्थान दिया जाएगा।
रैंप योजना और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं का शुभारंभ:
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने वाली भारत सरकार की महती योजना रैंप का प्रदेश में शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों को आर्थिक सहायता भी वितरित की।
– प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत 9 लाभार्थियों को 2.21 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता दी गई।
– प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य संस्करण योजना के तहत 3 लाभार्थियों को 55 लाख रुपए से अधिक की राशि प्रदान की गई।
– राज्य में निवेश करने वाले 16 निवेशकों को इनविटेशन टू इन्वेस्ट पत्र सौंपे गए।
निवेशकों को विशेष प्रोत्साहन:
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि रायपुर, दिल्ली और मुंबई में आयोजित इंवेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रमों में निवेशकों ने छत्तीसगढ़ में निवेश की रुचि दिखाई है। नई औद्योगिक नीति के तहत अब तक 50 से अधिक उद्यमियों को निवेश हेतु प्रमाणपत्र सौंपे जा चुके हैं।
छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से समृद्ध है और बिजली सरप्लस स्टेट होने के कारण यहां उद्योगों के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध हैं। प्रदेश की केंद्रीय स्थिति के कारण देशभर से इसकी कनेक्टिविटी मजबूत है, जिससे उद्योगों के लिए यह एक आदर्श स्थल बन चुका है।
नई औद्योगिक नीति के तहत एआई, आईटी, रोबोटिक्स, फार्मास्युटिकल और रेडीमेड गारमेंट सेक्टर में निवेश को विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेमीकंडक्टर, डाटा सेंटर और एआई आधारित उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो प्रदेश के औद्योगिक विकास में नया अध्याय जोड़ेंगे।
छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रगति:
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वित्तीय विकास की जानकारी साझा करते हुए बताया कि पिछले 25 वर्षों में प्रदेश की जीएसडीपी 20 गुना बढ़कर 5 लाख करोड़ रुपए हो गई है। उन्होंने बताया कि बजट का आकार भी बढ़ा है और सरकार पूंजीगत व्यय (कैपिटल एक्सपेंडिचर) बढ़ाने की दिशा में कार्य कर रही है।
उद्योग मंत्री की घोषणाएं:
कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने के लिए सभी क्षेत्रों में सकारात्मक पहल कर रही है। उन्होंने बताया कि नई औद्योगिक नीति के तहत राज्य से बाहर के निवेशकों को आमंत्रित किया गया है, जिससे प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार उन उद्योगों को जल्द ही 489 करोड़ रुपए जारी करेगी, जिन्हें पिछले छह वर्षों से अनुदान की राशि नहीं मिली थी। इससे 1049 लघु और बड़े उद्योगों को लाभ मिलेगा।
इन्वेस्टर्स डायलॉग में निवेशकों को आमंत्रण:
इंडस्ट्री डायलॉग कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय सहित अन्य अतिथियों ने 16 निवेशकों को इनविटेशन टू इन्वेस्ट पत्र सौंपे। इसके तहत प्रदेश में लगभग 11,733 करोड़ रुपए का निवेश होगा और लगभग 9,000 युवाओं को रोजगार मिलेगा।
इस अवसर पर एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया से प्रशिक्षण प्राप्त 5 प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
कार्यक्रम को मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के महानिदेशक डॉ. सुनील शुक्ला और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम विभाग की संचालक सुश्री अंकिता पाण्डेय ने भी संबोधित किया। उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार ने स्वागत उद्बोधन देते हुए विभागीय योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी साझा की।
इस दौरान मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, उद्योग विभाग के अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में उद्यमी उपस्थित थे।
