नई दिल्ली। गृह मंत्रालय (MHA) ने देश के कई राज्यों को 7 मई को नागरिक सुरक्षा से जुड़ी तैयारियों को परखने के लिए मॉक ड्रिल (Mock Drill) आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। यह अभ्यास संभावित आपातकालीन परिस्थितियों, विशेषकर दुश्मन के हमले जैसी स्थितियों में आम नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु किया जा रहा है।
ऐसी मॉक ड्रिल आखिरी बार साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के युद्ध के समय हुई थी। आइए जानते हैं कि इस बार कौन-कौन से शहर शामिल हैं।
इस मॉक ड्रिल में छत्तीसगढ़ का दुर्ग (भिलाई) भी शामिल है।भिलाई इस्पात संयंत्र जैसे बड़े सयंत्र की वजह से दुर्ग जिले में भी मॉक ड्रिल कराया जा रहा है। इसके लिए आज शाम बैठक भी रखी गई है।





मॉक ड्रिल के तहत जिन प्रमुख उपायों को अपनाया जाएगा, वे इस प्रकार हैं:
1. हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों (एयर रेड वार्निंग सायरन) का संचालन।
2. नागरिकों, छात्रों और आमजन को आत्म-सुरक्षा व नागरिक सुरक्षा से जुड़े पहलुओं पर प्रशिक्षण देना।
3. आकस्मिक ब्लैकआउट (बिजली बंदी) की व्यवस्था लागू करना।
4. महत्वपूर्ण संयंत्रों व प्रतिष्ठानों को दुश्मन की नजर से बचाने हेतु शीघ्र छलावरण (कैमोफ्लाज) की व्यवस्था।
5. निकासी योजना का अद्यतन और उसका वास्तविक अभ्यास।
जानकारों का कहना है कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य नागरिकों में जागरूकता बढ़ाना और आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी को परखना है।
पहलगाम हमले के बाद से ही सीमा पर तनाव कम होने का कोई संकेत नहीं दिख रहा है। पाकिस्तान से जुड़े आतंकवादियों ने 26 निर्दोष नागरिकों को गोली मार दी थी।
पाकिस्तान ने लगातार 11 रातों से नियंत्रण रेखा पर भारतीय चौकियों पर गोलीबारी की है। भारत ने इस्लामाबाद की बार-बार सीमा पार से की गई गोलीबारी का कड़ा जवाब दिया है।
