प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैंकॉक में आयोजित BIMSTEC शिखर सम्मेलन के दौरान एक अनोखा और सांस्कृतिक महत्व से परिपूर्ण उपहार थाईलैंड की प्रधानमंत्री पैतोंगटार्न शिनावात्रा को भेंट किया। यह उपहार था छत्तीसगढ़ की पारंपरिक जनजातीय कला डोकरा से निर्मित मोर आकृति वाली नाव।
यह नाव छत्तीसगढ़ के जनजातीय कारीगरों द्वारा सदियों पुरानी ‘लॉस्ट-वैक्स’ ढलाई तकनीक से तैयार की गई है। नाव के डिजाइन में बारीक नक्काशी और एक आदिवासी नाविक की आकृति दर्शाई गई है, जो प्रकृति और मानव के बीच संतुलन व प्रेम का प्रतीक है। मोर के आकार में ढली यह नौका छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि और कलात्मक परंपरा का जीवंत उदाहरण है।
डोकरा कला – छत्तीसगढ़ की आत्मा
डोकरा एक पारंपरिक धातु कला है, जो मुख्य रूप से प्रदेश के बस्तर, कांकेर और रायगढ़ जैसे क्षेत्रों में प्रचलित है। इसमें मिट्टी और मोम से बनाए गए सांचे में पीतल डालकर अद्भुत कलाकृतियाँ बनाई जाती हैं। यह कला विश्वभर में अपने विशिष्ट रूप और शिल्प कौशल के लिए जानी जाती है।
प्रधानमंत्री को प्रदेश का आभार
छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने के लिए मुख्यमंत्री साय ने पूरे प्रदेश की तरफ से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार जताया है। यह सम्मान न केवल राज्य के कारीगरों के लिए गर्व का विषय है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा भी है।
