बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक ऐतिहासिक बदलाव देखने को मिला है। जहां कभी नक्सली खौफ के कारण यातायात सुविधाएं एक सपना मात्र थीं, वहां अब 50 साल बाद पहली बार नियमित बस सेवा शुरू हो गई है। यह सेवा पामेड़ समेत सात पंचायतों को जोड़ रही है, जिससे स्थानीय निवासियों की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव आया है।
सरकार और सुरक्षा बलों का मजबूत संकल्प:
यह क्षेत्र दशकों तक नक्सली आतंक के कारण मुख्यधारा से कटा हुआ था, लेकिन सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और सुरक्षा बलों की कड़ी मेहनत से अब यहां विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। इस बस सेवा के संचालन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है, जिससे यात्रियों को किसी प्रकार की असुरक्षा महसूस न हो।
विकास की ओर बढ़ता बीजापुर:
एक समय था जब इस इलाके में बाइक चलाना भी जोखिम भरा था, लेकिन अब सरकारी प्रयासों से यहां यात्री बसें दौड़ने लगी हैं। यह न केवल सुरक्षा बलों की प्रभावी रणनीति को दर्शाता है बल्कि बीजापुर जिले के तेजी से विकास की ओर अग्रसर होने का भी प्रमाण है।
स्थानीय निवासियों के लिए वरदान:
पामेड़ और आसपास के गांवों के लोग अब आसानी से बीजापुर आ-जा सकते हैं, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य और व्यापार के क्षेत्र में नई संभावनाएं खुली हैं। एक ग्रामीण ने खुशी जाहिर करते हुए कहा, “पहले इलाज और रोजमर्रा की जरूरतों के लिए हमें लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ती थी। अब बस सेवा से सफर आसान और सुरक्षित हो गया है।”
यात्रियों में खुशी की लहर:
बस चालक महेंद्र का कहना है, “बस सुबह 8:30 बजे बीजापुर से चलती है और दोपहर 1:30 बजे पामेड़ पहुंचती है। हर दिन करीब 70-80 यात्री इस सेवा का लाभ उठा रहे हैं। लोगों के चेहरे पर खुशी साफ नजर आती है। बस सुविधा से सफर आसान हो गया है।”
भविष्य की नई उम्मीदें:
सरकार इस इलाके में आधारभूत सुविधाओं को और मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। सड़क निर्माण, बिजली और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में भी तेजी से बदलाव हो रहा है।
पामेड़ में शुरू हुई बस सेवा सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि विकास और बदलाव की नई शुरुआत है। यह दर्शाता है कि अब नक्सलियों का खौफ कम हो रहा है और बीजापुर नई रोशनी की ओर बढ़ रहा है।
