रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल और देश के प्रतिष्ठित प्रशासकों में शुमार डॉ. शेखर दत्त का बुधवार को दिल्ली के AIIMS में निधन हो गया। वे 80 वर्ष के थे और पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से छत्तीसगढ़ ही नहीं, देश की प्रशासनिक और रक्षा प्रणाली ने एक अनुभवी और प्रखर मार्गदर्शक को खो दिया है।
डॉ. शेखर दत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के वरिष्ठ अधिकारी रहे। वे देश की रक्षा नीति और आंतरिक सुरक्षा के अहम स्तंभ माने जाते थे। भारत सरकार में रक्षा सचिव के रूप में उन्होंने रणनीतिक निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा वे उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (Deputy NSA) के रूप में भी कार्यरत रहे और इस पद पर रहते हुए उन्होंने आतंकवाद निरोध, रक्षा नीति और आंतरिक सुरक्षा को लेकर कई निर्णायक योगदान दिए।
छत्तीसगढ़ के चौथे राज्यपाल के रूप में उनका कार्यकाल 23 जनवरी 2010 से 14 जुलाई 2014 तक रहा। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राज्य में प्रशासनिक स्थिरता, शांति और विकास को प्राथमिकता दी। उनका शांत, दृढ़ और दूरदर्शी नेतृत्व छत्तीसगढ़ के नागरिकों को आज भी याद है।
उनके निधन पर रक्षा मंत्रालय समेत कई वरिष्ठ नेताओं, पूर्व सैन्य अधिकारियों और प्रशासकों ने शोक व्यक्त किया है। मंत्रालय ने उन्हें “सम्मानित सैनिक, रणनीतिक सोच वाले प्रशासक और राष्ट्र सेवा के प्रति समर्पित व्यक्तित्व” बताया। शेखर दत्त न केवल एक उच्च अधिकारी थे, बल्कि वे राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने वाले सच्चे राष्ट्रसेवक भी थे।
डॉ. शेखर दत्त के निधन पर देशभर के राजनीतिक, प्रशासनिक और सैन्य समुदाय में शोक की लहर है। उनके विचार, नेतृत्व और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बने रहेंगे।
