• भूपेश बघेल का पलटवार: “मैं न झुकूंगा, न टूटूंगा”
• जन्मदिन पर हुई कार्रवाई, कांग्रेस ने विधानसभा की कार्यवाही का किया बहिष्कार
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद उन्हें रायपुर स्थित विशेष न्यायाधीश डमरूधर चौहान की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा गया है। अब 22 जुलाई को शाम 4 बजे उन्हें दोबारा कोर्ट में पेश किया जाएगा।
चैतन्य बघेल के वकील फैजल रिजवी ने बताया कि गिरफ्तारी के पहले तक ईडी की ओर से उन्हें कोई समन तक जारी नहीं किया गया था। यह कार्रवाई लक्ष्मी उर्फ पप्पू बंसल के बयान के आधार पर की गई है। वकील ने यह भी बताया कि चैतन्य बघेल का आज जन्मदिन था, और जब वे पूजा कर रहे थे, तभी ईडी की टीम जूते पहने हुए पूजा स्थल में घुसी और उन्हें वहीं से गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने इसे धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य और राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित गिरफ्तारी बताया।
इससे पहले सुबह 6 बजे ईडी की टीम ने भिलाई स्थित पूर्व सीएम भूपेश बघेल के निवास पर छापा मारा। करीब 8 अधिकारियों की टीम दो गाड़ियों में पहुंची थी। गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने ईडी दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया। वहीं कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार किया और भूपेश बघेल समेत सभी विधायक जिला कोर्ट पहुंचे।

भूपेश बघेल का पलटवार: “मैं न झुकूंगा, न टूटूंगा”
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, “भूपेश बघेल न टूटेगा, न झुकेगा। पिछली बार मेरे जन्मदिन पर ईडी आई थी, इस बार मेरे बेटे के जन्मदिन पर। आज विधानसभा में पेड़ों की कटाई का मामला उठना था, और उसी दिन मोदी-शाह ने अपने एजेंट भेज दिए। हम लोग डरने वाले नहीं हैं। ये कितनी भी ताकत लगा लें, हम सत्य की लड़ाई लड़ते रहेंगे।”
उन्होंने केंद्र पर विपक्ष को दबाने और लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश की जनता अब सब समझ चुकी है।“हम एजेंसियों को पूरा सहयोग देंगे, क्योंकि हमें लोकतंत्र और न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।”
क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला?
2019 से 2023 के बीच राज्य के 15 प्रमुख जिलों में आबकारी अधिकारियों ने “बी-पार्ट” देसी शराब की अवैध समानांतर बिक्री कर एक बड़ा घोटाला अंजाम दिया। इसमें वैध दुकानों के माध्यम से अवैध शराब बेची गई, जिसकी रिकॉर्ड में कोई एंट्री नहीं होती थी। इस शराब को डिस्टलरी से सीधे भेजा जाता था और उसका पैसा सीधे सिंडीकेट के पास पहुंचता था।
इस घोटाले में डिस्टलरी मालिक, ट्रांसपोर्टर, सेल्समैन, आबकारी विभाग के अधिकारी, सुपरवाइजर, मैनपावर एजेंसी कर्मचारी तक शामिल थे। इसे राज्य में संगठित भ्रष्टाचार की सबसे बड़ी साजिशों में से एक माना जा रहा है।
घोटाले की रकम: 3200 करोड़ पार
EOW और ACB द्वारा की गई जांच के अनुसार अब तक 60.5 लाख पेटी अवैध बी-पार्ट शराब की बिक्री का अनुमान है, जिसकी कीमत करीब 3200 करोड़ रुपये तक पहुंच चुकी है। पहले इस घोटाले की राशि 2174 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
अब तक की प्रमुख गिरफ्तारियां
इस प्रकरण में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, कवासी लखमा और विजय भाटिया सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में कुल 70 आरोपी नामजद हैं और चार अभियोग पत्र अदालत में प्रस्तुत किए जा चुके हैं।
ईडी और ACB की जांच अब भी जारी है और कई और परतें खुलने की संभावना है, जिसमें विदेशी शराब, सिंडीकेट कमीशन और मनी लॉन्ड्रिंग के नेटवर्क की गहराई से पड़ताल की जा रही है।
