रायपुर। छत्तीसगढ़ की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। महादेव सट्टा ऐप मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज सुबह बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की।
किन-किन जगहों पर पड़ा छापा?
CBI की टीम ने रायपुर, भिलाई और अन्य स्थानों पर कई बड़े नेताओं, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के आवासों पर दबिश दी। जिन प्रमुख लोगों पर कार्रवाई हुई, उनमें शामिल हैं:
– पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
– विधायक देवेंद्र यादव
– विनोद वर्मा
– OSD मनीष बंछोर
– पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा
– IPS आनंद छाबड़ा
– IPS आरिफ़ शेख़
– IPS अभिषेक पल्लव
– ASP संजय ध्रुव
– ASP अभिषेक माहेश्वरी
भूपेश बघेल के घर CBI की मौजूदगी, कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध:
CBI की टीम सुबह से ही भिलाई स्थित भूपेश बघेल के निवास पर मौजूद है। जैसे ही इस खबर की जानकारी मिली, कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में वहां जुटने लगे। मौके पर हल्की झड़प भी देखने को मिली, जब एक कांग्रेस कार्यकर्ता की पुलिस से बहस हो गई। हालांकि, बाकी कार्यकर्ताओं ने स्थिति को संभालते हुए शांति बनाए रखने की अपील की।
कांग्रेस का BJP पर हमला: ‘CBI को पीछे छोड़ा’
कांग्रेस ने इस छापेमारी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“भाजपा ने अब CBI को भी पीछे छोड़ दिया है। तमाम फर्जी कार्रवाइयों और ED के दुरुपयोग के बावजूद जब कुछ नहीं मिला, तो अब CBI को आगे कर दिया गया है।”
कांग्रेस ने सवाल उठाया कि भूपेश बघेल को आज अहमदाबाद में होने वाली AICC की ड्राफ्टिंग कमेटी की बैठक के लिए दिल्ली जाना था और देवेंद्र यादव बिहार चुनावों के चलते वहां मौजूद हैं। ऐसे समय में इस छापे का क्या मकसद है? कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया और कहा कि “भाजपा भूल रही है कि कांग्रेस की विचारधारा में ‘डर’ शब्द नहीं होता।”
राजनीतिक सरगर्मियां तेज, आगे क्या होगा?
छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस कार्रवाई के बाद नया मोड़ आ गया है। जहां भाजपा इसे ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम’ बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ कहकर विरोध जता रही है।
आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासे हो सकते हैं। देखना दिलचस्प होगा कि CBI की जांच किस दिशा में आगे बढ़ती है और इस घटनाक्रम का छत्तीसगढ़ की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।
