Sunday, July 27, 2025
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भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत को कारण बताओ नोटिस, पार्टी ने सात दिन के अंदर मांगा जवाब…

• सोशल मीडिया पर बीजेपी नेताओं के खिलाफ दुष्प्रचार और अनुशासनहीनता का आरोप…

रायपुर। भाजपा के युवा मोर्चा भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष रवि भगत एक वीडियो को लेकर राजनीतिक विवादों के केंद्र में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो में वे खुद की ही पार्टी की सरकार से डीएमएफ (जिला खनिज न्यास निधि) की राशि को लेकर गीत गाकर व्यथा जाहिर करते नजर आ रहे हैं। इस मामले ने तूल पकड़ लिया है, और अब भाजपा ने रवि भगत को अनुशासनहीनता के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है।

पार्टी के खिलाफ बयानबाजी बनी वजह

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने नोटिस में लिखा है कि रवि भगत द्वारा लगातार पार्टी नेताओं के खिलाफ बयानबाजी और सोशल मीडिया पर टिप्पणियां अनुशासनहीनता की श्रेणी में आती हैं। नोटिस में उनसे सात दिन के भीतर जवाब मांगा गया है।

वीडियो में रवि भगत कहते हैं

“डीएमएफ के पैसा ल दे दो सरकार, एकर बदला म उजड़ गए हमर गांव-गली, खेत-खार…”

उनकी यह दो टूक टिप्पणी न सिर्फ खनन प्रभावित ग्रामीणों की पीड़ा को बयां करती है, बल्कि पार्टी नेतृत्व के लिए एक खुली चुनौती की तरह देखी जा रही है। रवि भगत ने आगे कहा कि खदानों के कारण ग्रामीण धूल और बीमारियों से जूझ रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का अब भी अभाव है।

कांग्रेस ने उठाया मुद्दा

इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर सीधा हमला बोला है। वायरल वीडियो से पहले रवि भगत ने फेसबुक पर एक पोस्ट भी किया था, जिसमें खनन प्रभावित क्षेत्रों की अनदेखी पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस के पूर्व मंत्री उमेश पटेल ने बयान जारी कर कहा “यह वीडियो साबित करता है कि भाजपा सरकार ने लैलूंगा क्षेत्र की लगातार अनदेखी की है। सरकार को अब अपने ही युवा मोर्चा अध्यक्ष की बात सुननी चाहिए।”

क्या है डीएमएफ?

डीएमएफ खनन प्रभावित क्षेत्रों के सतत विकास व पुनर्वास के लिए बना है। इस फंड का उपयोग स्कूल, अस्पताल, सड़क, पेयजल, और रोजगार जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए किया जाना चाहिए।

राजनीतिक विश्लेषण

भाजपा के युवा नेता की इस तरह की खुली बयानबाजी न सिर्फ पार्टी की आंतरिक स्थितियों को उजागर करती है, बल्कि लोगों के मन में यह भी सवाल खड़ा करती है कि सत्ता में रहने के बावजूद स्थानीय समस्याओं को लेकर नेता खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस इसे मौके की तरह भुना रही है।

अब देखना होगा कि रवि भगत का जवाब पार्टी को संतुष्ट करता है या यह मामला भाजपा में बड़े अनुशासनात्मक निर्णय की ओर बढ़ता है।

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