रायगढ़। शहर में एक बार फिर एक बीमा एजेंट की धोखाधड़ी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। 74 वर्षीय बुजुर्ग महिला रूकमणी देवी अग्रवाल से पंजाब नेशनल बैंक मेट लाइफ बीमा पॉलिसी के नाम पर 2 लाख रुपये की ठगी की गई। आरोप है कि बीमा एजेंट निकेश कुमार पाण्डेय ने महिला को अधिक ब्याज और सुरक्षित भविष्य का सपना दिखाकर धोखा दिया।
पीड़िता की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी) का अपराध दर्ज कर लिया है। हैरानी की बात यह है कि आरोपी पहले भी इसी तरह की ठगी के मामले में सामने आ चुका है।
ऐसे दिया गया धोखा
घटना वर्ष 2020 की है, जब स्थानीय तुर्कापारा निवासी श्रीमती रूकमणी देवी अग्रवाल (पति स्व. घनश्याम अग्रवाल) सिलाई-बुनाई कर अपनी जमा पूंजी लेकर बैंक पहुंची थीं। 29 जून 2020 को वह पंजाब नेशनल बैंक में राशि जमा कराने गई थीं, जहां उनकी मुलाकात बीमा एजेंट निकेश कुमार पाण्डेय से हुई।
निकेश ने महिला को लुभावने ब्याज दर का झांसा दिया। वृद्धा उसकी बातों में आकर बीमा कराने को तैयार हो गईं। आरोपी ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवा कर 2 लाख रुपये का चेक ले लिया। कुछ दिन बाद वह उनके घर पहुंचा और एक फर्जी बीमा बॉन्ड पेपर उन्हें सौंप दिया।
बुजुर्ग की उम्मीदों पर फिरा पानी
बीमा अवधि पूरी होने के बाद 12 जून 2025 को जब रूकमणी देवी राशि निकालने बैंक पहुंचीं, तो हकीकत सामने आई। बैंक अधिकारियों ने जब पॉलिसी की जांच की तो बताया कि पॉलिसी नंबर महिला के नाम पर है ही नहीं, और उन्हें जो बॉन्ड पेपर मिला है, वह फर्जी है।
परेशान रूकमणी देवी ने निकेश से संपर्क करने की कोशिश की, तो उसने पैसे लौटाने का झांसा देते हुए फोन बंद कर लिया।
खुद के नाम पर लिया चेक, उड़ाए पैसे
जांच में सामने आया कि निकेश ने महिला से जो चेक लिया था, वह कंपनी के नाम पर न लेकर अपने नाम पर लिया और पैसे अपने व्यक्तिगत खाते में जमा कर निजी खर्चों में उड़ा दिए।
पहले भी कर चुका है ठगी
रूकमणी देवी के अलावा भी आरोपी का धोखाधड़ी का इतिहास सामने आया है। गजानंदपुरम कॉलोनी निवासी बलबीर शर्मा नामक व्यक्ति से भी वह इसी तरह 5 लाख रुपये की ठगी कर चुका है।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
कोतवाली थाना पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर आरोपी निकेश कुमार पाण्डेय के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपी की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।
सावधानी ही सुरक्षा है
यह मामला एक बार फिर इस बात को उजागर करता है कि बीमा या निवेश से जुड़ा कोई भी निर्णय लेने से पहले उसकी सत्यता की पूरी जांच अवश्य करें। किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसा या चेक सौंपने से पहले उसकी कंपनी से अधिकृत पहचान पत्र,लाइसेंस, और लेखा प्रक्रिया की पुष्टि करें।
