• फर्जी मुकदमा दर्ज कर डराने और अपराध को अपने फायदे के अनुसार छोटा-बड़ा दिखाने का मामला
रायगढ़। ज़िले के घरघोड़ा थाना से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसमें शराब माफियाओं के संरक्षण और पीड़ित से अवैध वसूली के गंभीर आरोप लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए रायगढ़ के पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल ने थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से लाइन अटैच करने के आदेश जारी किए हैं।
यह कार्रवाई ग्राम घरघोड़ी निवासी भूपदेव सिंह राठिया की शिकायत के आधार पर की गई, जिन्होंने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि थाना घरघोड़ा के प्रभारी निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह बैस, आरक्षक दिलीप साहू (आर. 378) और प्रेम राठिया (आर. 13) ने उन पर महुआ शराब बनाने का झूठा केस लादने की धमकी दी, और फिर केस को कमजोर करने के नाम पर जबरन पैसे की मांग की।
शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने उप पुलिस अधीक्षक (सायबर) से मामले की जांच कराई। जांच प्रतिवेदन में यह स्पष्ट रूप से सामने आया कि तीनों पुलिसकर्मियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अनैतिक और भ्रष्ट आचरण किया है, जो उनकी पदीय जिम्मेदारियों के विपरीत है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर पुलिस अधीक्षक ने निरीक्षक हर्षवर्धन सिंह बैस, आरक्षक दिलीप साहू और आरक्षक प्रेम राठिया को रक्षित केंद्र रायगढ़ में अटैच कर दिया है। साथ ही, मामले की प्राथमिक जांच तीन दिवस के भीतर पूरी करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं।
इस घटना ने एक बार फिर पुलिस तंत्र की जवाबदेही और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि जांच के बाद क्या कार्रवाई सामने आती है और क्या दोषियों को कड़ी सजा मिलती है।

