• स्टीलमैन ओपी जिंदल जी की पुण्यतिथि पर रायगढ़ में भव्य स्मरण समारोह

रायगढ़। भारतीय उद्योग जगत के स्तंभ और राजनीति में अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले स्वर्गीय ओपी जिंदल जी की पुण्यतिथि 31 मार्च को रायगढ़ में श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाई जाएगी। इस अवसर पर जेएसपीएल परिसर स्थित बाबूजी की प्रतिमा पर रायगढ़ दृष्टि व के के फिल्म्स के डायरेक्टर कमल शर्मा द्वारा माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
ओपी जिंदल: रायगढ़ के औद्योगिक विकास के शिल्पकार
ओपी जिंदल, जिन्हें “स्टीलमैन” के नाम से भी जाना जाता है, ने न केवल भारतीय उद्योग जगत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि रायगढ़ के विकास में भी ऐतिहासिक योगदान दिया। जेएसपीएल (जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड) और नलवा उद्योग की स्थापना के बाद से रायगढ़ औद्योगिक और आर्थिक रूप से तेजी से प्रगति कर सका।
रायगढ़ दृष्टि व केके फिल्म्स के डायरेक्टर कमल शर्मा ने कहा, “बाबूजी का स्नेह और मार्गदर्शन मुझे मिला, जो मेरे लिए गर्व की बात है। उनके आदर्शों को अपनाकर कार्य करना मेरे जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा रही है। आज भी नवीन जिंदल जी का मार्गदर्शन मुझे मिलता है, जिससे मैं खुद को जेएसपीएल परिवार का अभिन्न हिस्सा मानता हूं।”
एक किसान से स्टील साम्राज्य तक का सफर:
7 अगस्त 1930 को हरियाणा के हिसार जिले के नलवा गांव में जन्मे ओपी जिंदल ने एक किसान परिवार में जन्म लेकर भी औद्योगिक जगत में अपनी अलग पहचान बनाई। बचपन से ही मशीनों में रुचि रखने वाले जिंदल ने 1952 में कोलकाता के पास लिलुआ में अपनी पहली औद्योगिक इकाई “जिंदल (इंडिया) लिमिटेड” स्थापित की। इसके बाद, 1960 में वे अपने पैतृक जिला हिसार लौटे और वहां भी उद्योगों की स्थापना की।
ओपी जिंदल ने कुल 34 औद्योगिक इकाइयों की नींव रखी, जिनमें 30 भारत में, 3 अमेरिका में और 1 इंडोनेशिया में स्थित हैं। आज उनकी विरासत को उनकी पत्नी सावित्री देवी जिंदल और चारों पुत्र पृथ्वी राज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल और नवीन जिंदल आगे बढ़ा रहे हैं।
राजनीति में भी चमकता सितारा:
उद्योग जगत में क्रांति लाने वाले ओपी जिंदल ने राजनीति में भी अपनी मजबूत पहचान बनाई। 1991 में वे पहली बार विधायक चुने गए, और 1996 में कांग्रेस के टिकट पर कुरुक्षेत्र से लोकसभा सदस्य बने। बाद में, 2005 में हिसार से दोबारा विधायक चुने गए और उन्हें हरियाणा का ऊर्जा मंत्री बनाया गया। अपनी सादगी और समाजसेवा की भावना से वे जनता के बीच अत्यधिक लोकप्रिय थे।
31 मार्च 2005: जब उद्योग और राजनीति ने खो दिया एक महानायक:
राजनीति और उद्योग में सक्रिय रहते हुए 31 मार्च 2005 को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ओपी जिंदल का आकस्मिक निधन हो गया। हालांकि, उनकी विरासत आज भी लाखों लोगों को रोजगार और प्रेरणा दे रही है।
31 मार्च को आयोजित कार्यक्रम में समस्त रायगढ़वासी बाबूजी को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और उनके योगदान को याद करेंगे। उनका जीवन संघर्ष, सफलता और समाजसेवा का अद्वितीय उदाहरण है, जिसे आने वाली पीढ़ियां भी प्रेरणा के रूप में देखती रहेंगी।
