सुकमा। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के केरलापेंडा और पूवर्ती गांवों में रविवार को इतिहास रच दिया गया। आजादी के 75 साल बाद यहां पहली बार पंचायत चुनाव में मतदान हुआ। सुरक्षा बलों की निगरानी में ग्रामीणों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी आस्था जताई और उत्साह के साथ वोट डाला।
पूवर्ती गांव, जिसे खूंखार नक्सली हिड़मा का गढ़ माना जाता है, वहां के लोग भी मतदान केंद्र पहुंचे। पहली बार वोट डालने वाले एक मतदाता ने कहा, “यह हमारे लिए नया अनुभव है। पहले कभी मतदान नहीं किया था, लेकिन अब हमें अपनी समस्याएं उठाने और विकास की राह चुनने का मौका मिला है।”
केरलापेंडा गांव के निवासियों ने भी पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग किया। एक ग्रामीण ने कहा, “हम नेताओं के सामने अपनी समस्याएं रख पाएंगे, यह अपने आप में बड़ी बात है।”
यह मतदान सिर्फ चुनाव भर नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जीत और बदलाव की शुरुआत का संकेत है।
