✅ सुरेश गोयल का अनुभव बनाम शालू अग्रवाल की नई ऊर्जा…
✅ क्या शालू अग्रवाल भाजपा के गांधी गंज और मंदिर चौक वोट बैंक में लगा पाएंगी सेंध?…
रायगढ़। नगर निगम चुनाव के मद्देनज़र वार्ड नंबर 19 में जबरदस्त सियासी मुकाबला देखने को मिलने वाला है। इस चुनावी समर में एक ओर भाजपा के पूर्व सभापति सुरेश गोयल अपने अनुभव और पार्टी की मजबूत पकड़ के साथ मैदान में हैं, तो दूसरी ओर कांग्रेस की तेज़तर्रार नेता शालू अग्रवाल जनसमर्थन और समाजसेवा की पूंजी लेकर चुनौती पेश कर रही हैं।
सुरेश गोयल: अनुभवी नेता, भाजपा का मजबूत आधार:
भाजपा के वरिष्ठ नेता और नगर निगम के पूर्व सभापति सुरेश गोयल वार्ड में गहरी पकड़ रखते हैं। लंबे समय तक नगर निगम में प्रभावी भूमिका निभाने के चलते वे प्रशासनिक समझ और राजनीतिक अनुभव में आगे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा का समर्थन भी उनकी स्थिति को और मज़बूती देता है। विकास कार्यों और पार्टी की नीतियों के सहारे वे एक बार फिर जीत की उम्मीद कर रहे हैं।
शालू अग्रवाल: नई ऊर्जा, युवाओं और महिलाओं का समर्थन:
कांग्रेस प्रत्याशी शालू अग्रवाल युवाओं और महिलाओं के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय रहने वाली शालू गर्ल्स कॉलेज छात्र संघ की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। सामाजिक आयोजनों में उनकी सक्रिय भागीदारी और जनता के बीच गहरी पकड़ उन्हें एक सशक्त उम्मीदवार बनाती है।
गांधी गंज और मंदिर चौक के वोट बैंक में सेंध?:
वार्ड के मतदाताओं का मानना है कि शालू अग्रवाल भाजपा के गांधी गंज क्षेत्र के वोट बैंक में सेंध लगाने में सक्षम हैं।
साथ ही, मंदिर चौक के मतदाता उन्हें ‘अपनी बेटी’ मानते हैं, जिससे वहां कांग्रेस को बढ़त मिलने की चर्चा तेज हो गई है।
अगर कांग्रेस गांधी गंज और मंदिर चौक में भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब होती है, तो मुकाबला बेहद करीबी हो सकता है।
सीधा मुकाबला, कांटे की टक्कर:
वार्ड नंबर 19 का यह चुनाव केवल दो प्रत्याशियों के बीच की लड़ाई नहीं, बल्कि अनुभव बनाम नई ऊर्जा और भाजपा बनाम कांग्रेस की टक्कर बन चुका है। जनता इस बार विकास कार्यों, प्रत्याशियों की छवि और स्थानीय मुद्दों को आधार बनाकर अपना फैसला करेगी।
अब देखने वाली बात होगी कि वार्ड नंबर 19 का ताज सुरेश गोयल अपने अनुभव और पार्टी की ताकत से जीतते हैं या शालू अग्रवाल अपनी लोकप्रियता और युवाओं के समर्थन से नया इतिहास रचती हैं?
