रायपुर। गणतंत्र दिवस के अवसर पर आदर्श आचरण संहिता के पालन को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिनमें विशेष रूप से राजनीतिक गतिविधियों पर पाबंदियाँ लगाई गई हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश इस प्रकार हैं:
1. राजनीतिक पदाधिकारियों की उपस्थिति:
मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक जैसे राजनीतिक पदाधिकारियों को शासकीय समारोहों में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होने की अनुमति होगी, लेकिन उनके उद्बोधन में केवल देश की स्वतंत्रता, भारत/छत्तीसगढ़ राज्य की महिमा, शहीदों की उपलब्धियों और देशभक्ति पर ही चर्चा की जा सकेगी। किसी भी प्रकार के राजनीतिक प्रचार-प्रसार की अनुमति नहीं होगी। साथ ही, राज्य की प्रचलित योजनाओं का उल्लेख किया जा सकता है, परंतु नई घोषणाएं नहीं की जा सकेंगी।
2. स्थानीयता की शर्त:
मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक या अन्य राजनीतिक पदाधिकारी अपने गृह जिले या निर्वाचन क्षेत्र को छोड़कर अन्य स्थानों पर शासकीय समारोहों में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हो सकते हैं।
3. चुनाव में उम्मीदवारों पर पाबंदी:
जो राजनीतिक पदाधिकारी किसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं, वे उस क्षेत्र के समारोहों में अतिथि के रूप में शामिल नहीं हो सकेंगे।
4. झांकियों का प्रदर्शन:
गणतंत्र दिवस के अवसर पर शासन की प्रचलित योजनाओं को झांकियों के रूप में प्रदर्शित किया जा सकेगा, लेकिन इन झांकियों में राजनीतिक प्रतिनिधियों के चित्र नहीं लगाए जा सकेंगे।
5. नई घोषणाओं पर पाबंदी:
गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी भी प्रकार की नई घोषणाएं नहीं की जा सकेंगी।
6. सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अनुमति:
गणतंत्र दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा सकता है, बशर्ते इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक प्रचार-प्रसार न हो।
7. त्रिस्तरीय पंचायतों एवं नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि:
त्रिस्तरीय पंचायतों और नगरीय निकायों के निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने कार्यालयों में ध्वजारोहण कर सकेंगे, यदि उनका कार्यकाल शेष है।
8. आचार संहिता का पालन:
गणतंत्र दिवस पर आयोजित सभी समारोहों में आदर्श आचरण संहिता का कड़ाई से पालन किया जाएगा।
इन निर्देशों का उद्देश्य चुनावी आचार संहिता के तहत चुनावी माहौल को निष्पक्ष बनाए रखना है और यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार का राजनीतिक लाभ नहीं उठाया जाए।


